GST "Goods and Service Tax" is beginning of New India.

आजाद की काव्य झलकियां

मां हम विदा हो जाते हैं, हम विजय केतु फहराने आज। तेरी बलिवेदी पर चढ़ कर मां निज शीश कटाने आज॥ मलिन वेश ये आंसू कैसे, कंपित होता है क्यों गात? वीर प्रसूति क्यों रोती है, जब लग खंग हमारे हाथ॥ धरा शीघ्र ही धसक जाएगी, टूट जाएंगे न झुके तार। विश्व कांपता रह जाएगा, होगी मां जब रण हुंकार॥ नृत्य करेगी रण प्रांगण में, फिर-फिर खंग हमारी आज। अरि शिर गिरकर यही कहेंगे, भारत भूमि तुम्हारी आज॥ अभी शमशीर कातिल ने, न ली थी अपने हाथों में। हजारों सिर पुकार उठे, कहो दरकार कितने हैं॥