GST "Goods and Service Tax" is beginning of New India.

Swami Vivekanand 01

: प्रेम विस्तार है , स्वार्थ संकुचन है . इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है . वह जो प्रेम करता है जीता है , वह जो स्वार्थी है मर रहा है . इसलिए प्रेम के लिए प्रेम करो , क्योंकि जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है , वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो .